आज २ अक्टूबर है यानी गांधी जयंती!
हर साल, गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। यह दिन महात्मा गांधी की जयंती का प्रतीक है। महात्मा, जिन्हें मूल रूप से मोहनदास करमचंद गांधी के नाम से जाना जाता है, राष्ट्रपिता हैं। वह एक राजनीतिक नैतिकतावादी, एक राष्ट्रवादी और एक वकील थे।
ब्रिटिश शासन के खिलाफ देश की स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए महात्मा का अहिंसा को चुनने का तरीका दुनिया के लिए हथियार छोड़ने और अहिंसक रास्ता चुनने के लिए एक उदाहरण के रूप में खड़ा है। महात्मा प्रेम और सहिष्णुता की शक्ति में विश्वास करते थे। हर साल इस दिन को पूरे देश में बहुत ही भव्यता और धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल गांधी जयंती महात्मा गांधी की 153वीं जयंती है।
इतिहास और महत्व
महात्मा गांधी ने सत्याग्रह और अहिंसा आंदोलन की शुरुआत तब की थी जब भारतीय अभी भी ब्रिटिश शासन की अधीन थे। अहिंसा का पालन करने और लोगों को प्रेम की शक्ति से जीतने के उनके मार्ग ने तब से देश में बहुत सारे नागरिक अधिकारों को प्रभावित किया है। महात्मा गांधी ने भी स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए भारत के संघर्ष का नेतृत्व किया और देश के लाभ के लिए अपना जीवन लगा दिया।
2 अक्टूबर को, महात्मा गांधी का सम्मान करने और स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रीय अवकाश मनाया जाता है। 2007 में, यूनाइटेड नेशनल जनरल असेंबली ने गांधी के तरीकों का सम्मान करने के लिए 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया। इस दिन दुनिया भर में अहिंसा और शांति, सद्भाव और एकता के अभिसरण के महत्व पर जागरूकता पैदा की जाती है।
गांधी जयंती का जश्न
गांधी जयंती देश में स्कूलों, कॉलेजों से लेकर सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों तक हर जगह मनाई जाती है। इस दिन की शुरुआत आमतौर पर गांधी के पसंदीदा भजन रघुपति राघव को गाने से होती है। फिर एक स्मारक सेवा का आयोजन किया जाता है जहां लोग महात्मा की शिक्षाओं को याद करते हैं। लोग सांस्कृतिक गतिविधियों, देशभक्ति गीत और नृत्य का भी आयोजन करते हैं। अध्यापन पर भाषण तो महात्मा गांधी को भी दिया जाता है।
Gandhi Jayanti Speech In Hindi : गांधी जयंती पर दें यह छोटा और सरल भाषण, मिलेगा इनाम
2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में वाद-विवाद, भाषण और निबंध लेखन जैसे प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। हम देखें भाषण का एक उदाहरण :
देश में हर साल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के तौर पर मनाया जाता है। देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराने में अहम भूमिका निभाने वाले गांधी जी महान राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक रहे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर कई-कई बार ब्रिटिश हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर किया। सत्य और अहिंसा के सिद्धांत उनकी ताकत थे। बिना हथियारों के कैसे अपने अधिकार हासिल किए जा सकते हैं, इसकी उन्होंने दुनिया भर के सामने शानदार मिसाल दी। 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में वाद-विवाद, भाषण और निबंध लेखन जैसे प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। हम यहां गांधी जयंती पर भाषण का एक उदाहरण दे रहे हैं जिसे देकर आप कंपीटिशन में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
गांधी जयंती पर भाषण ( Gandhi Jayanti Speech ) इस प्रकार है-
आदरणीय शिक्षक गण और मेरे साथियों...
आज गांधी जयंती के अवसर पर हम सब यहां जुटे हैं। मैं आप सबको धन्यवाद करना चाहता हूं कि आपने मुझे आज महात्मा गांधी के जन्मदिन पर उनके बारे में अपने विचार प्रस्तुत करने का मौका दिया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। हमारा देश उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है। गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर अंग्रेजों को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। गांधी जी की महानता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज भारत के बाहर दुनिया के अन्य कई देशों में उनकी मूर्ति है, जगहों के नाम हैं। उन्हीं के विचारों के सम्मान में 2 अक्टूबर को हर साल अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है।
बापू के जीवन की छाप आज हमारे खान-पान, रहन-सहन, भाव विचार, भाषा शैली में साफ देखी जा सकती है। गांधी सहिष्णुता, त्याग, संयम और सादगी की शानदार मिसाल थे। उनके अद्भुत नेतृत्व क्षमता थी। स्वतंत्रता आंदोलन में जनता ने उनके नेतृत्व में जेलें भरीं, लाठियां गोलियां खाईं। उनके सविनय अवज्ञा आंदोलन, असहयोग आंदोलन, विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार, चंपारण सत्याग्रह, दांडी सत्याग्रह, दलित आंदोलन, रॉलेट एक्ट, नमक कानून, भारत छोड़ो जैसे आंदोलनों ने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया और आजादी पाने की राह आसान हो गई।
गांधी जी ने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओं के प्रेम करना सिखाया। विदेशी वस्त्रों की होली जलवाई। नतीजतन स्वदेशी उद्योग धंधों का बढ़ावा मिला। आजादी के अलावा गांधी जी का एक और सपना था, ग्राम स्वराज। वह चाहते थे कि गांव आत्मनिर्भर हों। गांव में उद्योग धंधे मजबूत हों। उनका यह सपना तब पूरा हुआ जब 1993 में देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई।
साथियों आज के दिन हमें गांधी जी के विचारों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए।
धन्यवाद।
जय हिन्द! जय भारत !
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